पढाई की टिप्स(“पढाई कैसे करना” ?.. )


पढाई करने के लिये आपको पर्याप्त समय और एक सही जगह की जरुरत होती है, क्योकि आपका पढाई का समय और पढ़ने की जगह आपमें बडा बदलाव ला सकती है. और जो छात्र इस नियम को नही अपनाते वे पढ़ते समय होमवर्क के प्रति चिंतित रहते है और वह कभी जान नही पाते की उन्हें कब और कहा पढाई करनी चाहिये.


बल्कि वे तो यह भी नही जान पाते की असाइनमेंट या होमवर्क करने के लिये उनके पास दूसरा समय भी है. पढ़ने का समय और पढ़ने की जगह निर्धारित करने से आपको पढाई करते समय कोई चिंता नही होंगी और आप खुले दिमाग से पढाई कर सकोगे.


1. मनोदशा निर्धारित करे


केवल आप ही जानते हो की आपको कौनसे काम करने है. क्या आप हलके बैकग्राउंड म्यूजिक में कोई काम कर सकते हो? या शुरू करने से पहले यदि आपके सामने खाना रखा हो?


मेरे हिसाब से आप सुबह-सुबह और क्लासेस में ही अच्छी तरह से पढ़ सकते हो. हो सकता है की आप रात में जागने वाले उल्लू भी हो जिनका दिमाग रात में 1 से 3 के बिच अच्छा काम करता हो.


यह कोई मायने नही रखता की आपका मूड कैसा है, बल्कि ये मायने रखता है की आप अपने काम के प्रति कितने ईमानदार हो और काम करने की कितनी इच्छा आपमें है.


2. अभ्यास समूह (स्टडी ग्रुप) ढुंढने की कोशिश करे


जब आप एक सही स्टडी ग्रुप ढुंढने में सफल होते हो तो आप आसानी से कठिन विषय और कोर्स मटेरियल को भी आसानी से हल कर लेते हो.


हमेशा इस मुहावरे को याद रखे,



“एक सर से दो सर बेहतर है और दो सर से तीन सर बेहतर है.”



यह कहावत इस विषय पर सही साबित होती है.


3. जब भी हो सके तब क्लास डिस्कशन में भाग लेना चाहिये


यदि मन में कोई प्रश्न हो तो उसे पूछना चाहिये, यहाँ मेरे कहने का मतलब यह है की यदि आप क्लास डिस्कशन में हिस्सा लेते हो तो आप जो दूसरे लोग कह रहे है उन बातो पर ध्यान देते हो.


4. थोडा विश्राम करे


योजना बनाने के लिये पर्याप्त समय लेना ही छात्र में पायी जाने वाली महत्वपूर्ण योग्यताओ में से एक है. इतिहास की परीक्षा के लिये अपने सप्ताह की शुरुवात काफी लंबे लक्ष्य को लेकर न करे – बल्कि अपने लक्ष्य को छोटे-छोटे भागो में विभाजित करे.


यदि इतिहास की परीक्षा हो तो उसका कैलेंडर बनाये. उदाहरण, हर दिन आप 1 से 3 बजे तक इतिहास को पढ़ सकते हो ऐसा करने से आपको हफ़्तों तक लगातार इतिहास पढने की जरुरत नही होंगी.


5. किसी की सहायता लेने से न शरमाये


शुरू में या बाद में हर छात्र एक ऐसी परिस्थिति से होकर गुजरता है जब उसे किसी के मदद की जरुरत होती है. क्योकि कुछ विषय छात्र के सर के ऊपर से जाने लगते है, जिसमे गणित मुख्य रूप से शामिल है, बहोत से छात्र ऐसे समय में मेहनत करते रहते है.


लेकिन फिर भी समझ न आने पर गुस्सा होते है और नाराज़ होते है, लेकिन यदि आप किसी से सहायता लो तो आपको गुस्सा होने की जरुरत ही नही होंगी.


यदि जिनसे आपने प्रश्न पूछा उन्हें उसका उत्तर या हल नही पता हो तो आप किसी और से भी सहायता ले सकते हो, सहायता लेते समय आपको जरा भी शर्माना नही चाहिये. क्योकि किसी की सहायता लेने से आप अपने दिमाग की आंतरिक दुविधाओं को भी दूर कर सकते हो.


6. प्रेरणा


यदि आप प्रेरित नही हो और आपका रवैया भी काफी कमजोर है, तो आपका पढ़ने का समय ज्यादा उत्पादित नही हो सकता. क्योकि कोई भी परीक्षा पास करने का आपके पास एक ही मौका होता है.


इसीलिये पढाई करने के लिये ऐसे समय का चुनाव करे जिस समय में आप प्रेरित रहते हो और प्रश्न हल करने के लिये भी तैयार रहते हो.


7. टाइम-मैनेजमेंट


ये वह समय नही है जो आपने पढाई करने में बिताया. बल्कि ये वह समय है की उस समय में आपने क्या हासिल किया. 40 घंटे की परीक्षा की पढाई करने में बिताना और अंत में उसमे केवल C ग्रेड मिलना, मतलब आप अपने समय को व्यर्थ गवा रहे हो.


इसलिये आपको अपने स्टडी प्लान को विकसित करने की जरुरत है और समय का सदुपयोग करने की जरुरत है तभी आप बेहतर परिणाम (रिजल्ट) पा सकते हो.


8. जब आपको शक हो, तो पूछे


यदि आपको कोई विषय समझ नही आया या आपको थोडा शक है तो निश्चिंत होकर अपने सलाहकार, परिवार, दोस्त या फिर सर से पूछे. क्योकि किसी भी विषय पर यदि शक हो तो उसे दूर करना बहोत जरुरी होता है.


नही तो पढाई करते समय वह विषय जरा भी नही समझेंगा.


9. ध्यान


ध्यान केंद्रित करने की योग्यता का होना छात्रो में पायी जाने वाली मुख्य योग्यताओ में से एक है. क्योकि हर वक्त पढाई करते समय आपके आस-पास का वातावरण शांत नही हो सकता.


इसीलिये आपको पढाई करते समय विषय पर ध्यान केंद्रित करने की जरुरत है. आपको अपना पूरा ध्यान अपने विषय पर ही देना चाहिये.